Sar Ae Paak Main Kanto Ka Taj
सर-ए-पाक में कांटों का ताज धरे महाराजा सलीब उठा कर चले।
गतसमनी में जाकर थी मांगी दुआ
ऐ खुदा इस प्याले को मुझ से हटा
पर खुदा की न थी ऐसी हरगिज़ रज़ा।
यीशु मौत का प्याला उठा कर चले।
2. यीशु सूली उठा कर कलवरी चले
कई बार वह रास्ते में ग़म से गिरे
अपने वाअदे से आप हरगिज़ न फिरे
मेरे पापों का बोझ उठाकर चले।
3. जल्लादों ने कपड़े उतार लिये
हाथ पांव में कील भी गाड़ दिये
यीशु मर के जहान के मुंजी हुए
मुझे मौत के दुःख से बचा कर चले