Atta Hun Saleeb Ke Pass
1. आता हूँ सलीब के पास, मैं हूँ अंधा और लाचार,
मेरी आँख है क्रूस पर ख़ास हूँ नजात का तलबगार।
कोरस-क्रूस ही मेरी है पनाह, सिर्फ, क्रूस पर है निगाह,
बोलता हूँ मैं क्रूस की जय, यीशु अब बचाता है।
2. मैं आवारा बे तस्कीन, कामिल राहत पाता हूँ,
सुनता अब यह कौल शीरीं, तुझे मैं बचाता हूँ।
3. तुझे सब कुछ देता हूँ, तुझे अपना कहूँगा,
तेरी चीजें लेता हूँ, तेरा नित मैं रहूंगा।
4. तुझ पर मेरा है इमान, तुझसे साफ मैं हुआ हूँ,
तुझ ही में है मेरी जान, तेरे साथ मैं मुआ हूँ।
5. तेरी रूह से हूँ माअमूर, तेरी ही सिताइश हो,
हर एक दाग है दिल से दूर, सना सना बरें को।