Yeshu Rakh Saleeb Ke Pass Chasma
1. यीशु रख सलीब के पास-चश्मा जहां बहता
मिलता मुफ्त जो सभों को कलवरी से निकलता
कोरस- क्रूस पर ख़ास क्रूस पर ख़ास
होगी मेरी नज़र-जब तक तेरी रूह खुश
हो जायेगी आसमान पर।
2. क्रूस पर ख़ास मैं गुनाहगार
प्यार को देख खुश हुआ
वहाँ दुःख मुसीबत में,
मेरा मुंजी मुआ। कोरस......
3. क्रूस के पास-ए बरें ख़ास
देखें तेरे दर्द को
चलूँ जब मैं रोज़ ब रोज़
पनाह ख़ास सलीब हो।
4. क्रूस के पास मैं ठहरूंगा
इस उम्मीद को रख के,
कि सुनहरे वतन में
पहुंचूंगा इस धार से।