Tera Hun Ae Rab


1. तेरा हूँ ऐ रब्ब सुनता तेरी बात, 

जो बताती तेरा प्यार। 

मैं इमान के साथ आता तेरे पास, 

तेरा ही हूँ तलबगार।


कोरस- रख तू मुझ को, मुझको ऐ मसीह, 

जहाँ चश्मा क्रूस से ख़ास। 

रख तू मुझ को, मुझ को-मुझको ऐ मसीह। 

अपने ज़ख़मी पहलू पास।


2. मुझ को पाक कर अब कि मैं तेरा काम, 

करूं दिल से ठीक-ओ-खूब । 

तेरी मर्जी पाक मुझ से पूरी हो 

मेरी मर्जी हो मगलूब


3. कैसी राहत ख़ास दिल को मिलती है, 

जब मैं जाता पाक हुजूर।

जब मैं दुआ में आता तेरे पास, 

तब तू करता है मसरूर ।


4. तेरा मीठा प्यार और भी जानूँगा, 

जब मैं जाऊँगा आसमान । 

जब मैं देखूँगा तेरे चेहरे को, 

तब खुश होगी मेरी जान।