Ae Khuda Tere Karam Ki Nazar Kidhar Na Hui
कोरस - ऐ खुदा तेरे करम की, नज़र किधर न हुई।
कौन ऐसा है जिस पर, तेरी नज़र न हुई।।
1. माना किस्मत में अंधेरा है, मगर ये तो बता ।
क्या कोई शाम है जिसकी, कभी सहर न हुई।।
ऐ खुदा..
2. वह भी क्या दिल है जो रोया, न दुःख में औरों के।
वह भी क्या आंख है जो, आंसुओं से तर न हुई ।।
ऐ खुदा.....
3. अब मसीहा ही बचाएंगे मुझको आकर के।
इस ज़माने की दवा कोई कारगर न हुई।।
ऐ खुदा.....