Ai Mere Rabb Jab Hairat Main Dekhta Hun
ऐ मेरे रब्ब जब हैरत में देखता हूँ।
और सोचता तेरी कुदरत का कमाल
आसमान के तारे बादल की गरज में
मैं देखता आलम में तेरा जलाल ।
कोरस- तब मेरी रूह तेरी सना गाती,
तू है अज़ीम कितना अज़ीम।
तब मेरी रूह तेरी सना गाती,
तू है अज़ीम कितना अज़ीम ।।
जब जंगल वादी में मैं फिरता रहता
और सुनता चिड़ियों की सुहानी राग
और पर्वत की हवा और नदियों में
मैं देखता हूँ, है एक आसमानी मार्ग
2.जब सोचता हूँ कि मेरे रब्ब ने प्यार से
भेजा था अपने बेटे को यहाँ
कि मेरा बोझ सलीब पर उठावे
और खून बहा कर फिदया दे वहाँ।
3. जब यीशु तू आएगा मुझे लेने
आसमान पर होगी एक आवाज़ हलीम
फिर झुक कर सिजदे में गाऊँगा, रब्ब
और पुकारूँगा तू ही है अज़ीम।