Teri Jaat He Hai Sifaat Teri


कोरस -  तेरी ज़ात ही है सिफात तेरी, 

तेरा वस्फ कोई करेगा क्या। 

जो कलम मिले तो लिखेगा, 

क्या जो जुबां मिले तो कहेगा क्या


1. यह मजाल किस को तेरे सिवा, 

जो भरे फकीरों की झोलियां। 

जो कभी गरीब रहा न हो, 

वह किसी गरीब को देगा क्या। कोरस....


2. तेरे इश्क पे जो न मिट सका, 

किसी और पे वह मिटेगा क्या। 

तेरी रहा पे जो न चल सका। 

किसी और पे वह चलेगा क्या। कोरस......


3. जिसे तू बना के बिगाड़ दे, 

कहीं फिर वह जाके बनेगा क्या। 

जिसे तू बसा के उजाड़ दे, 

कहीं फिर वह जा के बसेगा क्या। कोरस....


4. जिसे चाहे जैसा बना दिया, 

कोई बादशाह, कोई है गदा। 

तेरे दर पे आ के झुका न हो, 

किसी और पर वह झुकेगा क्या। कोरस.....