Hamane Masih Ko Rooh O Jaan


हमने मसीह को रूह-ओ-जान 

दिल से दिया जो हो सो हो। 

उस पर किया है माल-ओ-जान

हमने फिदा जो हो सो हो।


1. बरहक अज़ल से उसको जान, दोनों जहां पे हुकमरान। 

हम सर खुदा का उसको मान हमने लिया जो हो सो हो।


2. हमको करें हैं लोग तान, देते हैं सारे गालियां। 

लेकिन हैं देते हम हर आन उन को दुआ जो हो सो हो।


3. वोह है रहीम-ओ-मेहरबाँ, उसकी है शाही जाविदाँ। 

उस पर भरोसा है हर आन, हम ने किया जो हो सो हो।


4. नूर-ए-खुदा खुदा वह ही, कलम-ए-हक बजा वोही। 

जसको न देवें हम कभी, दिल से भुला जो हो सो हो।


5. शाह-ए-शहीदां है मसीह, पिसर-ए-खुदा वोह है सही 

उसमें करें न हम कभी, चूँ ओ चुरा जो हो सो हो।


6. दिल में हमारे दर्द-ओ-गम, तेरा फिराक है सितम, 

तुझ को ना छोड़ें तिसपे हम, बार-ए-खुदा जो हो सो हो।


7. तेरे ही दर का हूँ गदा वाएज़ की तुझ से इल्तिजा। 

दिल से न भुलूं ऐ खुदा तेरी रज़ा जो हो सो हो।।