Jalte Chirag Gul Na Hon
कोरस-जलते चिराग़ गुल न हों, बुझते दिये जलाओ तुम,
प्रेम की ज्योति कम न हो, गाओ यह गीत गाओ तुम।
1. झण्डा मसीह का हो बुलन्द उसका हो नाम सर-बुलन्द ।
सच्चे मसीह जवां बनो, नाम-ए-मसीह फैलाओ तुम।
2. किसने यह तुम से कह दिया, अपनों से ही करो प्यार (2)
दुश्मन को भी ऐ दोस्तों अपने गले लगाओ तुम।
3. छोड़ो इन भेदभावों को, छोड़ो इस ऊँच-नीच को (2)
इक खुदा की हो औलाद, दुनिया को दिखाओ तुम।