Kyun Maan Bhula Hai Veh Sansara
क्यों मन भूला है वह संसारा।
मन मत दो टुक करले गुज़ारा।
इस जग में सुख नित नहीं भाई।
वह तो है जैसे पानी की धारा।
3. मात पिता और ख़्वेश कुटुम्ब सब
संग नहीं कोई जावनहारा।
4. अन्त समय सब देखन आई हैं।
क्षण भर में सब हुए हैं न्यारा।
5. जो कुछ संग में होगा तुम्हारे।
वह भी सब मिल लें न उतारा।
6. भाई मुक्ति की खोज करो तुम।
यीशु मसीह प्रभु तारनहारा।
7. ऑसी तो प्रभु दास तुम्हारा।
तुम बिन नाहीं कोई हमारा।