Prem Nidhan Yeshu Kirpa Kejiye


प्रेम निधान यीशु कृपा कीजे। 

दर्शन हे प्रभु हम को दीजे।


1. हम अति पापी तन-ओ-मन से। 

हे प्रभु पाप क्षमा अब कीजे।


2. सेवक हम हर भांति निकम्मे। 

बल बुद्धि देकर सेवा लीजे।


3. या भव सागर में नित शंका। 

प्रतिदिन सेवा रक्षा कीजे।