Rab Farmata Veh Din Aata 


1. रब्ब फरमाता, वह दिन आता, जब मेरे लोग होंगे, 

ख़ास खज़ाना, ताज शाहाना, अज़ीज़ ओ महबूब । 

अपने यीशु में कामिल, और जलाल में हो शामिल, 

तब सितारों की मानिन्द वे चमकेंगे खूब ।


2. सब ख़रीदे, बरगुज़ीदे, इकट्ठे तब होंगे, 

नूर पोशाक है, गुरोर पाक है अज़ीज़ ओ महबूब ।


3. छोटे लड़के, छोटे लड़के, जो रब्ब को प्यार करते, 

हैं, खज़ाना, ताज शाहाना, अज़ीज़ ओ महबूब ।