Arasta Ho Ae Meri Jaan


1. आरास्ता हो ऐ मेरी जान, 

कि बिछा है अब दस्तरख़्वान । 

जाँच अपने को तैयार तू हो, 

खुदावन्द की ज़ियाफत को।


2. तूने खुदाया मेहर की, 

मुझ आसी को फर्ज़न्दी दी। 

ऐ बाप रहीम तेरा फर्ज़न्द, 

पाक अशा का है आर्जूमन्द ।


3. अपने निहायत फज़ल से, 

आरास्तगी तू मुझे दे । 

हकीकी तौबा कर अता, 

मेरे गुनाह सब मुआफ फरमा ।


4. खुदा तू मेरा है हबीब, 

मैं तेरा बन्दा हूँ गरीब । 

मैं भूखा प्यासा आता हूँ, 

आसूदा होना चाहता हूँ। 


5. मसीह जो नेअमत तेरी है, 

उसी से दिल की सेरी है। 

आरास्ता हो ऐ मेरी जान, 

देख बिछा है दस्तरख़्वान।