Hamad O Jalal O Izaat Ab Teri Ai Masih
1. हम्द-ओ-जलाल-ओ-इज्ज़त, अब तेरी ऐ मसीह,
यूं लड़कों ने सिताईश, और पाक होशना की।
तू इसाईल का बादशाह, शहज़ादा बिन दाऊद,
अब रब्ब के नाम में आया, ऐ मुंजी पाक महमूद।
2. आसमान में पाक फरिशते, हैं तेरे सनाख्वान,
बड़ाई में हैं शामिल, ज़मीन पर सब इन्सान।
3. पेश आये थे इब्रानी, ताजीम ओ अदब से,
हमारे भी नज़राने, हैं हम्द ओ शुक्र के।
4. उन्होंने राहों में शाखें, बिद्दाए और लिबास,
हम भी मुबारकबादी, हैं करते और सिपास।
5. तारीफ और उनकी खुशी, तब मुझे थी मन्जूर,
और दुआ हो हमारी, कबूल तेरे हुजूर।