Masihi Deen Par Masihi


कोरस - मसीही दीन पर मसीही नौजवाँ शहीद हों।

पुकारती हैं यूं शहीदों मुर्सला शहीद हों।


हज़ार जुल्मतों में भी खुशी के गीत गाए जा, 

मुसीबतों में दिल से हो के शादमां शहीद हों।


2 शहीद होने के लिए तू कलवरी की राह ले, 

सलीब उठा सलीब ही के साये में पनाह ले, 

तेरा शहीदे कलवरी है पासबां शहीद हो। 


3. शहीद हो शहादतों से ज़िन्दगी का राज़ है,

शहीद हो तुझे शहीद-ए-कलवरी पे नाज़ है, 

तेरा वतन जमीं नहीं है, आसमां शहीद हो।


4. सताने वालों से न भूल कर भी इन्तकाम ले, 

तू अपनी बुर्दबारियों से बर्धियों का काम ले, 

वहीं कलीसिया बनेगी तू जहां शहीद हो।


5. समझ कि इस जहान में है चार दिन की ज़िन्दगी, 

ये ज़िन्दगी भी सिर्फ रंज-ओ-ग़म अलम की ज़िन्दगी, 

खुशी के साथ सब्र-ओ-गम के दरमियां शहीद हो।