Emanuel Ke Lahu Se Ek Chasma Hai Mamoor
1. इम्मानुएल के लहू से, एक चश्मा है मामूर,
और उसमें धोके गुनहगार खो देवें सब कुसूर।
2. उसको देख करके मरते वक्त एक चोर खुश हुआ था
और उसके बाइस मैं नापाक, रास्तबाज बन जाऊंगा।
3. जिस वक्त से तेरे लहू पर, मैं रखता हूँ ईमान
सिताइश तेरी रहमत की मैं करता हूँ हर आन ।
4. पाक लहू तेरा, ऐ मसीह, मुअस्सिर रहेगा,
जब तक कि तेरा हर मकबूल महफूज न ठहरेगा।
5. जब यह कमज़ोर ज़ईफ जुबान, है गोर में वे मजाल,
तब तेरी कुदरत की तारीफ मैं गाऊँ ला-जवाल ।
दूसरी राग का कोरस-
ऐ बरकत का चश्मा पास मैं रहूं,
और दिल में तुझ को सदा, दिल को साफ रखूं।