Sirf Ek Hi Mera Chara Hai
1. सिर्फ एक ही मेरा चारा है,
वह यीशु का कफ्फारा है।
न जाता मैं और किसी के पास
खुदावन्द पर है मेरी आस।
कोरस-ख़ास वोही मेरी हैं चट्टान,
सब और वसीले हैं बुतलान
2. तारीकी जब आ जाती है,
उस चेहरे को छुपाती है।
जब उसका फज़ल आता है,
तारीकी को हटाता है।
3.जब ज़ोर से आते हैं
तूफान तब उसके वायदे हैं चट्टान।
मैं इन से पाता इत्मिनान,
और राहत पाती मेरी जान।