Kar Tu Ikrar Gunahon Ka


कर तू इकरार गुनाहों का मसीह बख़शेगा 

रख तू उम्मीद, गुनाह तेरा मसीह बख़शेगा


बे-शुबाह तेरे गुनाहों को, मसीह बख़शेगा,


2. वह तो आया था फलक से इसी की ख़ातिर, 

जो यकीन वाले, गुनाह उसके मसीह बख़शेगा,


3. अब तो आसी यही कहता है, तुझी से शाफी,

बे-शुबाह मेरे गुनाहों को मसीह बख़शेगा।