Mubarak Mubarak Masih Ji Utha Hai
1. मुबारक मुबारक मसीह जी उठा है।
सलामत सलामत वह नूर-ए-खुदा है।
2. मुजस्सम हुआ था जो अक्नूम-ए-सानी,
हुआ बाप से वह एकदम जुदा है।
3. था मुफ़्लिस अकेला जो दारे-फना में,
वह वारिस शहनशाहे-मुल्क-ए-बूका है।
4. था माखुज वे जुर्म पेश-ए-अदालत,
चप-ओ-रास्त उस के, सज़ा-ओ-जज़ा है।
5. था मज़लूम सूरत जो ज़ालिम के आगे,
वह मुख़्तार-ओ मालिक हयात-ए-बका है।
6. हुआ जो रवां खून पहलू से उसके,
तेरे दर्द-ए-दिल की तो वह ही एक दवा है।